सारे
व्यावसायिक प्रयास कुल मिलाकर धन के आसपास केंद्रित रहते हैं। यह धन
कमाने का दौर है। जब इसका नशा चढ़ता है, तो आदमी अच्छे और बुरे तरीके पर
ध्यान नहीं देता। अपने व्यावसायिक जीवन में धन कमाने को तीन बातों से जोड़े
रहिए- योग्यता, परिश्रम और ईमानदारी। ये त्रिगुण जिसके पास हैं, वह किसी भी व्यावसायिक व्यवस्था में शेर की
तरह होगा। शेर का सामान्य अर्थ लिया जाता है हिंसक पशु, लेकिन यहां शेर
से अर्थ समझा जाए जिसके पास नेतृत्व की, यानी राजा बनने की क्षमता। एक पुरानी कहानी है। एक शेर का बच्चा माता-पिता से बिछड़ भेड़ों के झुंड में
शामिल हो गया। उनके साथ रह उसकी चाल-ढाल, रंग-ढंग सब बदल गए। संयोग से
किसी शेर ने भेड़ों के उस काफिले पर हमला किया। भेडें भागीं, तो शेर का
बच्चा भी भागा। हमलावार शेर को समझ में आ गया। उसने भेड़ों को छोड़ा और उस शेर के बच्चे को पकड़ा। पानी में चेहरा
दिखाया और कहा- तू मेरे जैसा है। तू शेर है, सबसे अलग, सबसे ऊपर। हमारे
साथ ऐसा ही होना चाहिए। हमारे त्रिगुण हमें आईना दिखाते हैं कि हमें
योग्यता, परिश्रम और ईमानदारी से धन कमाना है। संस्थानों में अनेक
लोगों की भीड़ होगी, पर हमें सबसे अलग रहना है। जो धन हम कमा रहे हैं वह
तभी शुद्ध होगा और हमें अपनी सफलता के साथ शांति भी देगा।
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