SUNIL SHRIVASTAVA
Thursday, 19 March 2015
sunil shrivastava photo
Tuesday, 3 March 2015
सच्चे शब्दों में सच के अहसास लिखूंगा। वक्त पढ़े जिसको कुछ इतना खास लिखूंगा।। गीत गजल मुझ पर लिखेंगे लिखने वाले, मैंने कलम उठाई है तो इतिहास लिखूंगा।।
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली। कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली। सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ। वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।।
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