अन्ना हजारे को शांति का अगला नॉवेल पुरस्कार मिलना अब लगभग तय हो गया है...इस देश में गाँधी के बाद अन्ना ने वो कर दिखाया है...जिसकी उम्मीद केवल और केवल दुनिया इसी देश से करती है...आज़ादी की लड़ाई के बाद देश में पहली बार ऐसी क्रांति हुई जो केवल और केवल अहिंसा के बल पर हुई...मैं अपने देश के उन जागरूक लोगो से सिर्फ इतना ही कहना चाहता हू..कि जैसी जागरूकता अन्ना के इस आन्दोलन में दिखाई है...वैसी ही उदाहरण २०१४ के आम चुनावों में भी दिखा दे...तो इस देश की तकदीर ही बदल जाएगी....लेकिन इस बार मुझे उम्मीद है....कि जागरूकता का ये अध्याय यही ख़त्म नही होगा....
Saturday, 27 August 2011
Tuesday, 23 August 2011
प्रकाश झा ये अच्छी तरह जानते है कि उन्हें फिल्म को कैसे हिट कराना है....फिर चाहे गंगाजल हो..या राजनीति...या फिर अब आरक्षण....वो जानते है जब तक फिल्म पर विवाद ना हो.. तब तक फिल्म के हिट होने की कोई गारंटी नही होती...उन्होंने गंगाजल ऐसे विषय पर बनाई...जो पहले से ही बहुचर्चित था...उसके बाद राजनीति में रोल की डिमांड को दरकिनार कर कैटरीना कैफ को लिया...जिसे सोनिया गाँधी से जोड़कर देखा गया और फिल्म बम्पर हिट हुई...अब आरक्षण जैसे ज्वलंत मुद्दे को रीयल लाइफ से रील लाइफ में उतारा है..फिल्म के प्रोमो से लेकर संवाद तक सभी विवादों का कारण बनने लगे है...जो एक और बम्पर हिट की तरफ इशारा है....
उम्मीद कम है
भले ही सारा देश अन्ना हजारे के गुणगान कर रहा हो और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका साथ दे रहा हो...लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि जनलोकपाल के लागू हो जाने के बाद क्या देश भ्रष्टाचारमुक्त हो जायेगा...जवाब है शायद नही...क्योकि लोग अन्ना के साथ तो दिख रहे है लेकिन उनके विचारो से अभी भी कोसो दूर है...अगर हमारे देश कि आवाम इतनी ही जागरूक होती...तो गाँधी के इस देश में ए.राजा,सुरेश कलमाड़ी,लालू प्रसाद यादव और पप्पू यादव जैसे लोग कभी चुनाव ही नही जीत पाते..लेकिन ये वो देश जहा करोड़ो रुपये डकारने के बाद भी आप आराम से जीवन गुजार सकते है...इस बात कि क्या गारंटी है कि जनलोकपाल के लागू हो जाने के बाद ऐसे लोगो पर लगाम लगेगी...इस बात कि क्या गारंटी है कि देश भ्रष्टाचारमुक्त हो जायेगा...और इसकि क्या गारंटी है कि जो देश का लोकपाल बनेगा वो ईमानदार रहे...अगर हम वास्तव में इस देश को सुधारना चाहते है तो पहले हमे ईमानदार होना पड़ेगा...अपने काम के प्रति और अपने देश के प्रति...लेकिन उम्मीद कम है
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