भले ही सारा देश अन्ना हजारे के गुणगान कर रहा हो और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका साथ दे रहा हो...लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि जनलोकपाल के लागू हो जाने के बाद क्या देश भ्रष्टाचारमुक्त हो जायेगा...जवाब है शायद नही...क्योकि लोग अन्ना के साथ तो दिख रहे है लेकिन उनके विचारो से अभी भी कोसो दूर है...अगर हमारे देश कि आवाम इतनी ही जागरूक होती...तो गाँधी के इस देश में ए.राजा,सुरेश कलमाड़ी,लालू प्रसाद यादव और पप्पू यादव जैसे लोग कभी चुनाव ही नही जीत पाते..लेकिन ये वो देश जहा करोड़ो रुपये डकारने के बाद भी आप आराम से जीवन गुजार सकते है...इस बात कि क्या गारंटी है कि जनलोकपाल के लागू हो जाने के बाद ऐसे लोगो पर लगाम लगेगी...इस बात कि क्या गारंटी है कि देश भ्रष्टाचारमुक्त हो जायेगा...और इसकि क्या गारंटी है कि जो देश का लोकपाल बनेगा वो ईमानदार रहे...अगर हम वास्तव में इस देश को सुधारना चाहते है तो पहले हमे ईमानदार होना पड़ेगा...अपने काम के प्रति और अपने देश के प्रति...लेकिन उम्मीद कम है
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